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Adil Raseed

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Off-page SEO Kya Hai

ऑफ पेज SEO क्या है? (Off-page SEO Kya Hai)

Posted on August 28, 2025August 30, 2025 adilraseed By adilraseed No Comments on ऑफ पेज SEO क्या है? (Off-page SEO Kya Hai)

ऑफ-पेज SEO वह प्रक्रिया है जिसमें वेबसाइट के बाहर किए जाने वाले कार्यों से वेबसाइट की प्रतिष्ठा, विश्वसनीयता और प्राधिकरण बढ़ाया जाता है, ताकि सर्च इंजन परिणामों में ऊँची रैंकिंग और गुणवत्तापूर्ण ऑर्गेनिक ट्रैफ़िक मिले। इसमें मुख्यतः उच्च-गुणवत्ता बैकलिंक्स कमाना, ब्रांड मेंशन, डिजिटल PR, सोशल सिग्नल्स, रिव्यू/रेटिंग्स और कम्युनिटी एंगेजमेंट जैसे संकेत शामिल होते हैं।

ऑफ-पेज SEO क्या है

ऑफ-पेज SEO को सरल शब्दों में “वे संकेत जो दूसरी वेबसाइटें और इंटरनेट इकोसिस्टम किसी साइट के बारे में देते हैं” कहा जा सकता है। सर्च इंजन इन्हीं बाहरी संकेतों से किसी डोमेन/पेज की विश्वसनीयता और लोकप्रियता का अंदाज़ा लगाते हैं, और प्रतिस्पर्धी क्वेरियों में किसे ऊपर दिखाना है, यह तय करते हैं। अच्छा ऑन-पेज SEO बताता है कि “पेज किस बारे में है”, जबकि मजबूत ऑफ-पेज SEO अक्सर तय करता है कि “कितनी ऊँची रैंक मिल सकती है।”

ऑफ-पेज बनाम ऑन-पेज बनाम टेक्निकल

  • ऑन-पेज: पेज के भीतर कंटेंट, टाइटल/मेटा, हेडिंग, इंटरनल लिंक, स्कीमा—जो सीधे नियंत्रित किए जा सकते हैं।
  • टेक्निकल: क्रॉलिंग, इंडेक्सिंग, स्पीड, मोबाइल-फर्स्ट, कोर वेब वाइटल्स—इंफ्रास्ट्रक्चर और अनुभव।
  • ऑफ-पेज: वेबसाइट के बाहर के संकेत—बैकलिंक्स, ब्रांड मेंशन, रिव्यू, सोशल एंगेजमेंट, डिजिटल PR—जो प्राधिकरण बढ़ाते हैं।

ऑफ-पेज SEO क्यों ज़रूरी है

  • प्राधिकरण और भरोसा: प्रतिष्ठित साइटों से लिंक और उल्लेख साइट की विश्वसनीयता को वैध ठहराते हैं।
  • प्रतिस्पर्धी क्वेरियों में बढ़त: जब कई पेज ऑन-पेज/टेक्निकल रूप से अच्छे हों, तो ऑफ-पेज सिग्नल निर्णायक बन जाते हैं।
  • रेफ़रल ट्रैफ़िक और ब्रांड डिस्कवरी: अच्छी पब्लिकेशन/कम्युनिटी से मिलने वाला ट्रैफ़िक उच्च इरादे वाला होता है और ब्रांड को लंबे समय तक लाभ देता है।

ऑफ-पेज SEO के मुख्य स्तंभ

  1. लिंक बिल्डिंग (Backlinks)
  • लिंक मात्रा नहीं, गुणवत्ता और प्रासंगिकता महत्वपूर्ण है।
  • ऊँचे अधिकार (authority) और विषय-संबंधित साइटों से एडिटोरियल लिंक सबसे मूल्यवान होते हैं।
  • एंकर-टेक्स्ट विविधता, प्राकृतिक गति (velocity) और लिंक का संदर्भित प्लेसमेंट पर ध्यान दें।
  1. डिजिटल PR
  • डेटा-स्टडी, रिपोर्ट, सर्वे, टूल/कैलकुलेटर, विज़ुअल एसेट्स (इन्फोग्राफिक्स)—ऐसा “लिंक-वर्दी” कंटेंट बनाएं जिस पर मीडिया/ब्लॉगर स्वाभाविक रूप से उद्धरण दें।
  • न्यूज़जैकिंग: समसामयिक विषयों पर विशेषज्ञ टिप्पणियाँ, विश्लेषण, और त्वरित इनसाइट्स साझा करें।
  • पत्रकार/ब्लॉगर आउटरीच: व्यक्तिगत, वैल्यू-ड्रिवन पिच; गैर-स्पैमी और उपयोगी जानकारी।
  1. ब्रांड मेंशन और सोशल सिग्नल
  • बिना लिंक वाले उल्लेख (unlinked mentions) भी ब्रांड की चर्चा और विश्वसनीयता का संकेत हैं; अवसर मिलने पर विनम्रतापूर्वक लिंक रिक्लेम करें।
  • सोशल शेयरिंग, कम्युनिटी चर्चाएँ, और इन्फ्लुएंसर उल्लेख अप्रत्यक्ष रूप से खोज मांग और ब्रांड सर्च बढ़ाते हैं।
  1. रिव्यू और रेप्युटेशन मैनेजमेंट
  • लोकल/सेवा/सॉफ्टवेयर/ईकॉम श्रेणियों में विश्वसनीय प्लेटफ़ॉर्म पर प्रामाणिक रिव्यू जुटाएँ।
  • NAP सुसंगतता (Name, Address, Phone) और प्रोफ़ाइल्स का नियमित अपडेट रखें; नकारात्मक फीडबैक का समाधानात्मक उत्तर दें।
  1. पार्टनरशिप, को-मार्केटिंग और कम्युनिटी
  • को-होस्टेड वेबिनार/पॉडकास्ट, ईबुक/रिसर्च को-क्रिएशन, लोकल इवेंट/CSR—प्राकृतिक लिंक और ब्रांड एडवोकेसी को बढ़ाते हैं।
  • निच कम्युनिटी (फ़ोरम, स्लैक/डिस्कॉर्ड, Reddit, Quora) में विशेषज्ञ योगदान—स्पैम-रहित, उपयोगी जवाबों से प्रतिष्ठा बनता है।

लिंक बिल्डिंग रणनीतियाँ (श्वेत-टोपी/White-Hat फोकस)

  • रिसोर्स लिंक बिल्डिंग: उच्च-गुणवत्ता गाइड/टूल/चेकलिस्ट बनाकर उद्योग निर्देशिकाओं/रिसोर्स पेजों पर फीचर।
  • गेस्ट पब्लिशिंग: विषय-संबंधित ब्लॉग/मैगज़ीन में विशेषज्ञ लेख; पब्लिकेशन की गुणवत्ता और ऑडियंस फिट सबसे महत्वपूर्ण।
  • ब्रोकन लिंक बिल्डिंग: संबंधित साइटों पर टूटे लिंक पहचानें और अपना प्रासंगिक कंटेंट सुझाव दें।
  • लिंक रिक्लेमेशन: ब्रांड मेंशन/इमेज उपयोग/पुराने URL से खोए लिंक ढूँढकर सुधार/अपडेट करवाएँ।
  • HARO/जर्नलिस्ट सोर्सिंग: पत्रकारों की क्वेरी पर संक्षिप्त, डेटा-समर्थित उद्धरण दें—एडिटोरियल लिंक की संभावना।
  • स्काईस्क्रेपर/अपग्रेड कंटेंट: पुरानी लोकप्रिय सामग्रियों को अधिक व्यापक/अपडेटेड रूप में बनाकर संबंधित ऑडियंस/वेबसाइट्स तक पहुँचाएँ।

क्या न करें (स्पैम/जोखिम)

  • पेड लिंक/प्राइवेट ब्लॉग नेटवर्क (PBN), ऑटो-कमेंट स्पैम, अप्रासंगिक निर्देशिका सबमिशन, एंकर-ओवर-ऑप्टिमाइज़ेशन—यह सब जोखिमभरा है और पेनल्टी ला सकता है।
  • एक ही टेक्स्ट एंकर बार-बार; अचानक लिंक स्पाइक; संदिग्ध साइटों से लिंक—प्राकृतिक प्रोफ़ाइल नहीं लगता।
  • “लिंक फॉर लिंक” में बेहद सावधानी; प्रासंगिकता और वैल्यू-एड प्राथमिकता।

लोकल SEO के लिए ऑफ-पेज

  • Google Business Profile: कैटेगरी, सेवाएँ, फ़ोटो/वीडियो, पोस्ट, Q&A—नियमित सक्रियता रखें।
  • सिटेशन्स: विश्वसनीय लोकल/उद्योग डायरेक्टरी में संगत NAP; डुप्लिकेट लिस्टिंग से बचें।
  • रिव्यू ड्राइव: SMS/WhatsApp/ईमेल के जरिए संतुष्ट ग्राहकों से रिव्यू का अनुरोध; स्पष्ट दिशानिर्देश और आसान लिंक दें।
  • लोकल पार्टनरशिप: चैंबर ऑफ कॉमर्स, कॉलेज/NGO, स्थानीय इवेंट—ब्रांड कवरेज और लिंक अवसर।

ईकॉमर्स/SAAS/कंटेंट साइट्स—विशेष सुझाव

  • ईकॉम: शॉपिंग गाइड, गिफ्ट गाइड, तुलना तालिकाएँ, UGC अभियान; कूपन/डील साइट्स में गुणवत्ता परक उपस्थिति।
  • SaaS: इंटीग्रेशन पेज, केस स्टडी, G2/Capterra प्रोफाइल, टेक पार्टनर को-मार्केटिंग, API/टेम्पलेट गैलरी।
  • कंटेंट साइट: ऑरिजनल रिसर्च, डेटा विज़, इंटरएक्टिव टूल—एडिटोरियल लिंक्स के लिए चुंबक।

ऑफ-पेज मापन और मीट्रिक्स

  • रेफ़रिंग डोमेन्स और लिंक क्वालिटी: विविध, प्रासंगिक और प्राधिकृत स्रोतों से स्थायी लिंक।
  • एंकर टेक्स्ट प्रोफ़ाइल: ब्रांड/नेविगेशनल/पार्टियल-मैच का संतुलित मिश्रण; सटीक-मैच सीमित।
  • ट्रैफ़िक और कन्वर्ज़न: लिंक/मेंशन से आने वाला रेफ़रल ट्रैफ़िक और उसका व्यवहार/कन्वर्ज़न।
  • ब्रांड सर्च वॉल्यूम: समय के साथ ब्रांड क्वेरी में वृद्धि ब्रांड इक्विटी का मजबूत संकेत।
  • शेयर ऑफ़ वॉइस/मेंशन वेलोसिटी: प्रतिस्पर्धियों की तुलना में चर्चा/कवरेज की गति।

ऑफ-पेज SEO के लिए 30-दिन का एक्शन प्लान

  • दिन 1–5: बैकलिंक ऑडिट—टॉक्सिक/कम-गुणवत्ता लिंक चिन्हित; डिसावो रणनीति तय करें (आवश्यकता होने पर)।
  • दिन 6–10: लिंक-वर्दी एसेट्स की योजना—डेटा-स्टडी/टूल/गाइड/इन्फोग्राफिक; रिसर्च कैलेंडर बनाएं।
  • दिन 11–15: आउटरिच सूची—प्रासंगिक पब्लिकेशन/ब्लॉगर/कम्युनिटी; संपर्क डेटा और पिच-वेरिएंट तैयार।
  • दिन 16–20: गेस्ट पोस्ट/HARO/ब्रोकन लिंक कैंपेन शुरू; प्रतिदिन X पिच, Y फॉलो-अप का अनुशासन।
  • दिन 21–25: लिंक रिक्लेमेशन—अनलिंक्ड ब्रांड मेंशन, 404 इमेज/पुराने URL सुधार।
  • दिन 26–30: रिपोर्टिंग—रेफ़रिंग डोमेन/एंकर प्रोफ़ाइल/रेफ़रल ट्रैफ़िक/ब्रांड सर्च; अगले महीने के प्रयोग तय करें।

आउटरिच ईमेल—संक्षिप्त टेम्पलेट

Subject: उपयोगी डेटा-गाइड: [विषय] — आपके पाठकों के लिए?
Hi [नाम],
[साइट/आर्टिकल] पर आपकी [विशिष्ट पंक्ति/एंगल] बहुत सहायक लगी। इसी विषय पर हमने एक अपडेटेड डेटा-गाइड बनाया है: [लिंक]
इसमें [X नया आँकड़ा/चार्ट/टूल] हैं; चाहें तो आप इसे अपने [आर्टिकल/रिसोर्स पेज] में संदर्भित कर सकते हैं।
यदि कोई अतिरिक्त ग्राफ/टेबल चाहिए हो तो साझा कर सकता/सकती हूँ।
धन्यवाद,
[नाम/भूमिका/लिंक्ड प्रोफ़ाइल]

टिप्स:

  • पर्सनलाइजेशन: पिच में 1–2 लाइनें लक्षित साइट/लेख की विशिष्ट बातों पर लिखें।
  • वैल्यू फर्स्ट: केवल “लिंक दें” न कहें; पाठकों के लिए क्या नया/बेहतर है, स्पष्ट करें।
  • फॉलो-अप: 4–7 दिन बाद एक सौहार्दपूर्ण रिमाइंडर; ज़बरदस्ती नहीं।

नैतिकता, अनुपालन और ब्रांड सेफ्टी

  • भुगतानित लिंक/स्कीम से दूरी; “rel=nofollow/sponsored” का सही उपयोग करें।
  • कॉपीराइट-सेफ इमेज/चार्ट/डेटा; स्रोत स्पष्ट दें; प्रेस-उल्लेख में तथ्यात्मक सटीकता रखें।
  • UGC/कमेंट/कम्युनिटी पोस्टिंग में स्पैम से बचें; वास्तविक योगदान दें।

उन्नत रणनीतियाँ

  • कंटेंट सिंडिकेशन: प्रतिष्ठित प्लेटफ़ॉर्म पर नियंत्रित सिंडिकेशन; कैनॉनिकल/एट्रिब्यूशन स्पष्ट।
  • लिंक इंटरसेक्शन विश्लेषण: जो साइटें प्रतिद्वंद्वी A और B को लिंक दे रही हैं पर अभी आपको नहीं—उन पर लक्षित पिच।
  • प्राइस/डेटा APIs: उद्योग के खुले डेटा पर API/डैशबोर्ड बनाकर स्वाभाविक उद्धरण आकर्षित करें।
  • थॉट लीडरशिप: रिसर्च पत्र, पैनल चर्चा, कॉन्फ्रेंस टॉक—एडिटोरियल उल्लेख और उच्च-गुणवत्ता प्रोफ़ाइल लिंक।

ऑफ-पेज SEO—FAQ संक्षेप

  • कितने लिंक पर्याप्त? मात्रा का कोई जादुई नंबर नहीं; सतत, गुणवत्ता-प्रथम, प्रासंगिक और प्राकृतिक प्रोफ़ाइल बनाएं।
  • DA/DR कितना मायने रखता है? संकेतक हैं, लक्ष्य नहीं; प्रासंगिकता और पेज-स्तरीय संदर्भ अधिक महत्वपूर्ण।
  • कितनी जल्दी परिणाम? सामान्यतः 8–12 सप्ताह में प्रभाव दिखना शुरू; प्रतिस्पर्धा/निच/कंटेंट-गुणवत्ता पर निर्भर।
  • क्या सोशल शेयर सीधे रैंकिंग फैक्टर हैं? प्रत्यक्ष नहीं; पर ब्रांड सिग्नल/डिस्कवरी/लिंक अवसर अप्रत्यक्ष प्रभाव डालते हैं।

निष्कर्ष

ऑफ-पेज SEO का सार है भरोसा और प्राधिकरण कमाना—ऐसे कंटेंट और संबंधों के माध्यम से जिन्हें बाहरी दुनिया मूल्यवान माने। लिंक-वर्दी एसेट्स, नैतिक आउटरिच, डिजिटल PR, रिव्यू/कम्युनिटी एंगेजमेंट और ब्रांड मेंशन मिलकर एक स्वाभाविक, टिकाऊ ऑफ-पेज प्रोफ़ाइल बनाते हैं। दीर्घकाल में यही प्रोफ़ाइल प्रतिस्पर्धी कीवर्ड्स पर ऊँची रैंक, निरंतर रेफ़रल ट्रैफ़िक और मजबूत ब्रांड इक्विटी का आधार बनती है। यदि चाहें तो इंडस्ट्री/लोकेशन-विशेष कीवर्ड्स के लिए 2000+ शब्दों का SEO-ऑप्टिमाइज़्ड ब्लॉग ड्राफ्ट, आउटरिच सूची टेम्पलेट, और 30-दिन का ऑफ-पेज एक्शन प्लान भी तैयार किया जा सकता है।

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